Thursday, July 2, 2015

रिपुवाह, रंजिश. रणांगण

रिपुवाह,  रंजिश.  रणांगण  -  शब्दों का प्रयोग करते हुए भाव

  • प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल .....
    रंजिश निभाने को वक्त बहुत है, रणांगण जब चाहे सजा लो 
    छोड़ कर पाप 'प्रतिबिंब', कर नाश पाप का रिपुवाह कहलाओ

  • Kiran Srivastava रणांगण हो मेरा अपना
    सुख-समृद्धि से सजा हुआ,
    ना हो कोई रोगी

    ना हो कोई दुःखी,
    ना हो कोई रंजिश
    ना हो कोई दविश,!
    एक दुसरे से हम
    इतना करें प्रेम
    ना हो कोई हमारा रिपु
    ना कोई रिपुवाह....!!!

  • अलका गुप्ता ~~~~~~~~~~~~~
    रणांगण भए रणित घोर रणसिंघा |
    झौंझियाएं रिपुवाह तड़ित मेघा |

    शोणित तेगा बाजि रहे ललुकार ..
    रंजित रंजिश लहु-लुहान तनु जंघा ||

  • कुसुम शर्मा जब प्रेम किया उनसे तो रंजिश कैसी 
    वो लाख करे सितम फिर भी रंणागण कैसा 
    प्रेम से मिटायेंगे रिपु 

    तो फिर रिपुवाह कैसा !!



यहाँ प्रस्तुत सभी शब्द और भाव पूर्व में प्रकाशित है समूह " 3 पत्ती - तीन शब्दों का अनूठा खेल" में https://www.facebook.com/groups/tiinpatti/

No comments:

Post a Comment

शुक्रिया आपकी टिप्पणी व् प्रोत्साहन के लिए !!!!