Sunday, January 26, 2014

तंत्र - मंत्र - यंत्र



तंत्र  - मंत्र  - यंत्र  शब्दो के साथ मित्रो के भाव

प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल  
देश में राजनीति जहर घोल रही
बदले व्यवस्था क्या है इसका मंत्र
'प्रतिबिंब' काश मिल जाए येसा यंत्र
सुधर जाए समाज और ये भ्रष्ट तंत्र

अलका गुप्ता 
प्रजा-तंत्र है ..जनता का जनता पर शाशन |
भूल बैठा सब.. नेता बन..जमा कर आसन |
गडबड घोटालों के गढ़ लिए.. मनमाने यंत्र ..
फूंकके मंत्र तमाम...बना भ्रष्टाचारी प्रशाशन ||

दिनकर बडथ्वाल 
झूठ है की यहाँ कोई प्रजा -तंत्र है
प्रजा को छलने का ये एक मंत्र है

सच पूछो तो ये स्वार्थियों का जाल-तंत्र है
इससे पार पाने का ना ही कोई यंत्र है


DrShyam Sundar Matia 
तंत्र और मंत्र के लिय किसी यंत्र की आवश्यकता नहीं होती /

किरण आर्य 
कैसा है ये
झोल झाल
के सब गाये
कुतंत्र के मंत्र
भ्रष्टाचार के यंत्र 
बन चलाये
शासन तंत्र



यहाँ प्रस्तुत सभी शब्द और भाव पूर्व में प्रकाशित है समूह " 3 पत्ती - तीन शब्दों का अनूठा खेल" में https://www.facebook.com/groups/tiinpatti/