Friday, March 6, 2015

फागुन, रंग, होली


( फागुन, रंग, होली शब्दों पर भाव )

प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
फागुन’ के ‘रंग’ में रंगा, मेरे इर्द गिर्द सारा संसार
होली’ आई ‘प्रतिि्बिंब’, आओ भर ले प्यार बेशुमार


डॉली अग्रवाल 
'फागुन ' क्या आया ,खिल उठा मन मयूर
'होली' आई तो प्यार के रंग से खुद को सजा लिया ---


दिनकर बडथ्वाल 
आया फागुन लेकर होली के रंग 
है वक्त मौज मस्ती का दोस्तों के संग


प्रभा मित्तल 
रंग-रंग के 'रंग' लेकर
आई 'होली''फागुन'में
मन मगन हुआ
मन मस्त हुआ
रंग-रंगीले फागुन में
ऊँच-नीच का भेद मिटा लें
मन से मन का मेल करा लें
चल खेलें होली फागुन में।


कुसुम शर्मा 
फागुन में होली की देखो बहार
साजन भी खेले है सजनी के साथ
रंग छाए, छाये जैसे बरखा बहार
झूम झूम नाचे है एक दूसरे के साथ



हाँ प्रस्तुत सभी शब्द और भाव पूर्व में प्रकाशित है समूह " 3 पत्ती - तीन शब्दों का अनूठा खेल" में https://www.facebook.com/groups/tiinpatti/

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