Tuesday, March 3, 2015

घाव, घायल, घातक



प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
शब्दों का 'घाव' 'घातक' होता है जो मन को 'घायल' करता है
मधुर भाषा का प्रयोग 'प्रतिबिम्ब', रिश्तो को प्रबल करता है

पुष्कर बिष्ट 
जाने कब तक घाव भरेंगे इस घायल मानवता के?
जाने कब तक सच्चे होंगे सपने सब की समता के?
हर तरफ लगाये घात खड़ा घातक है..

नैनी ग्रोवर ---
बड़ा घातक है घाव धोखे का, इंसान को पागल करता है,
नज़र आये या ना, ये वार दिलों को घायल करता है..!! न

DrShyam Sundar Matia 
मोहब्बत के घाव ,
इश्क के घातक को इतना घायल
कर जाते हैं कि जीवन भर उन की
टीस महसूस होती रहती हैं //


किरण आर्य 
घायल मन की पीर
जब हो जाती तब्दील घाव में
तब रिसने लगती यादों की पीब
तब रुदन रूह का कर लेता
घातक रूप ग्रहण
हर तरफ मचता हाहाकार
और यहीं से होता है आरम्भ
आत्मा के पतन का..

डॉली अग्रवाल 

उफ़्फ़ ये घाव दिल के
घायल हैं ये जिस्मो जान
घातक बनने बेठे इस दुनिया के इंसान ! !


अलका गुप्ता 

घात ये इन्सानियत के कातिल की |
रिसते रहंगे घाव घातक घायल की |
दहलें दिल दहशते दारुण आघात से..
धर्म है पीना लहू लाल-लाल लालों के ||





यहाँ प्रस्तुत सभी शब्द और भाव पूर्व में प्रकाशित है समूह " 3 पत्ती - तीन शब्दों का अनूठा खेल" में https://www.facebook.com/groups/tiinpatti/

No comments:

Post a Comment

शुक्रिया आपकी टिप्पणी व् प्रोत्साहन के लिए !!!!